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शनिवार, 20 अगस्त 2011

इन मासूमो का इस दुनिया से बस इतना ही रिश्ता है
घर - बाहर कामो के बोझ तले बचपन पिस्ता है....
चेहरे पे भोली  मुस्कान लिए जो बचपन दीखता है 
आज बताओ दुनिया वालो इनकी किस्मत कौन लिखता है?    

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