बोसा रुख-इ-नाज़नी का लिया जो
हवा ने बार-बार...
झटका के जुल्फ को कहते हैं कि...
हवा ने बार-बार...
झटका के जुल्फ को कहते हैं कि...
जमाना खराब है...
कदम मुबारक जो पढ़ गए चमन में
खिजा ने भी माना कि गुल पुर-शबाब है.......
कदम मुबारक जो पढ़ गए चमन में
खिजा ने भी माना कि गुल पुर-शबाब है.......
'वो' मेरी गली से जो गुजरे,
लोग अश-अश कर उट्ठे
किसी को लैला है,शीरीं है, सोहनी है
किसी को लैला है,शीरीं है, सोहनी है
कोई कहे ये तो नाज़ुक गुलाब है....
किस्मत....कि; मेरे दर पे रुक गई वो गुलबदन
कहें कि; लो आ गया मेरा मंजिल-ओ-मकाम है...
उनकी सोख अदाओं से मचल उट्ठे मेरे रकीब
कहे कि 'हसरत' तो बढ़ा ले गया अपनी दुकान है.....
किस्मत....कि; मेरे दर पे रुक गई वो गुलबदन
कहें कि; लो आ गया मेरा मंजिल-ओ-मकाम है...
उनकी सोख अदाओं से मचल उट्ठे मेरे रकीब
कहे कि 'हसरत' तो बढ़ा ले गया अपनी दुकान है.....
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