अब लड़कर अपने अधिकार मिले तो प्रेम कहाँ रह जाता है ?
भ्रष्ट व्यवस्था में श्रमिक बोलो सम्मान कहाँ से पाता है?
चापलूस, नाकारा को श्रेष्ट श्रमिक का सम्मान मिले !
चापलूस, नाकारा को श्रेष्ट श्रमिक का सम्मान मिले !
मेहनतकश ईमानदार यहाँ हर स्तर पर दुत्कारा जाता है!
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंhttp://cpiup.blogspot.com
बहुत गहरी और सच्ची बात कही है आपने.......
जवाब देंहटाएंbahut sahee kahaa aapne...
जवाब देंहटाएंsteek alfaaz,,,,
saarthak abhivyakti ... !
सच्चाई को उजागर करती - कम शब्दों में बड़ी बात
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया और सटीक लिखा है आपने!
जवाब देंहटाएंटिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/