ये सूरज भी तेरा है ये चंदा भी तेरा है
तेरी ही गलियों में खुशियों का बसेरा है!!
जिनकी तकदीर में तड़प लिक्खी है विधाता ने,
वो दोस्त भी तेरा है दुश्मन भी तेरा है !!
तेरे गुलाबी गालों तक न पहुंचे ये तपिश ,
हाथों में थमा ये शोला, सुख सुनेहरा है !!
कोई यूँ ही न चुरा ले तुमको हमसे ए सखी,
तेरे दर-ओ- दीवार पे निगाहों का पहरा है !!
तुम्हे पाने को बेताब रहता है जो अक्सर,
किसी की जागीर नहीं, छोटा सा घर मेरा है !!
बबूल ही सही, कोई तो पूछे ए नमकपाश!
ये वो पेड़ है जिसपे नन्ही चिड़ियों का बसेरा है!!
तेरी ही गलियों में खुशियों का बसेरा है!!
जिनकी तकदीर में तड़प लिक्खी है विधाता ने,
वो दोस्त भी तेरा है दुश्मन भी तेरा है !!
तेरे गुलाबी गालों तक न पहुंचे ये तपिश ,
हाथों में थमा ये शोला, सुख सुनेहरा है !!
कोई यूँ ही न चुरा ले तुमको हमसे ए सखी,
तेरे दर-ओ- दीवार पे निगाहों का पहरा है !!
तुम्हे पाने को बेताब रहता है जो अक्सर,
किसी की जागीर नहीं, छोटा सा घर मेरा है !!
बबूल ही सही, कोई तो पूछे ए नमकपाश!
ये वो पेड़ है जिसपे नन्ही चिड़ियों का बसेरा है!!
ramesh jee bahut achhey!
जवाब देंहटाएंAabhaar aapka....Sir aapki rachnaon se behtar nahi...mere blog par aapke aane ka dhanywaad..
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